ओडिशा के जाजपुर जिले में एक महीने के नवजात बच्चे को बेचने का मामला सामने आया है. एक गरीब मां-बाप ने एक निःसंतान दंपत्ति को सात हजार रुपए में अपने बच्चे को बेच दिया. लेकिन बाद मां की ममता उमड़ आई और उसने पति को ऐसा करने से मना किया. लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद मां ने पुलिस को सूचित कर दिया. पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, यह घटना जाजपुर जिले के दशरथपुर इलाके में एक सप्ताह पहले हुई थी. यह मामला तब प्रकाश में आया जब बच्चे की मां ने बाद में अपना मन बदल लिया. उसे अपने बच्चे को बचाने के लिए पुलिस से गुहार लगाई. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्चे के मां-बाप गरीब हैं. वो अपने तीसरे बच्चे के जन्म से परेशान थे. यही वजह है कि एक बिचौलिए के जरिए उसका सौदा कर दिया.
मां की शिकायत के बाद पुलिस की एक टीम मंगलवार को जाजपुर जिले के हलादीपाड़ा गांव गई और बच्चे को बरामद कर लिया. चाइल्डलाइन के समन्वयक बरेंद्र कृष्ण दास ने कहा, "बच्चा फिलहाल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक एनजीओ के संरक्षण में है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. इसके बाद नवजात बच्चे को अगली कार्रवाई के लिए बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा.''
जाजपुर टाउन पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक एस के पात्रा ने कहा, "हम उस बिचौलिए का भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो घटना के सामने आने के बाद से फरार है. यही भी जानकारी ली जा रही है कि उसने इससे पहले इस तरह कितने बच्चों का सौदा कराया है. उसके पकड़ने जाने के बाद ही इस मामले में खुलासा हो सकेगा." नवजात के माता-पिता से भी पुलिस पूछताछ कर रही है.
बताते चलें कि पिछले महीने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में इसी तरह का एक मामला सामने आया था. यहां एक शख्स को अपनी पत्नी और नवजात को अस्पताल से डिस्चार्ज कराने के लिए दो साल के बेटे को बेचना पड़ गया. पीड़ित पिता के पास अस्पताल का बिल भरने का पैसा नहीं था. यही वजह है अस्पताल के कुछ लोगों के कहने पर उसने अपना बच्चा एक दंपति को बेच दिया.
इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को निजी अस्पताल से डिस्चार्ज दिलाने के लिए अपने दो साल के बेटे को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस घटना के सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया. इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया.
पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें एक दंपति भी शामिल है, जिसने बच्चे को खरीदा था. पुलिस ने बताया कि जिले के बरवा पट्टी निवासी हरीश पटेल ने अपनी पत्नी के प्रसव के लिए निजी अस्पताल में ले गया था. यह उसका छठा बच्चा था. बच्चे के जन्म के बाद जब वो अस्पताल की फीस का भुगतान करने में असमर्थ निकला, तो अस्पताल ने मां और नवजात को अस्पताल में रोक लिया था.
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.